मनसे काबर पथरा ईंटा के होगे?
दुबराज के जगा म काबर बमरी बोंगे?
कहाँ मरगे तोर आँखी के पानी?
कहाँ गवांगे मोर संगी लागमानी?
मंदिर ल छोंड़ दिस पथरा के देंवता
भाई ल भाई कहाँ पारत हे नेंवता,
सड़क म बोहात हे तोर मोर लहू
तैं बों के छोड़े तेला काटिहाँ महूँ,
गाँव के मनसे काबर भागत हे बन म
पुलिस के डर, के पैसा के संगत म?
राहत कार म काबर बांटत हे पैसा?
मनसे हे जस के तस, फेर काकर परोसा?
मरत हे रोज बीच रस्ता म, गाँव के रखवार,
चल हमूं घर ल लेस के, झाँकी आन के दुआर.
रमाकांत सिंह
11 अगस्त 2010
चित्र गूगल से साभार
आतंकियों एवं नक्सलियों की गोलियों से शहीद
जवानों और निरपराध लोगों को समर्पित
शब्दार्थः
मनसे=मनुष्य, काबर=क्यों, पथरा=पत्थर, ईंटा=ईंट, के=का, होगे=हो गया, दुबराज=सुगंधित बारीक चांवल, जगा=स्थान पर, बमरी=बबूल, बों=बुवाई, गे=गया, कहाँ=किस स्थान पर, मरगे=मर गया, तोर=तुम्हारा, आँखी=आँख, पानी=सम्मान, गंवांगे=गुम हो गया, मोर=मेरा, संगी=मित्र, लागमानी=रिश्तेदार, ल=को, छोंड़=छोड़ना, दिस=दिया, देंवता=भगवान, भाई=भाई, पारत=बुलाना, हे=देना, नेंवता=न्योता, बोहात=बह रहा, हे=है, लहू=खून, तैं=तुमने, बोंके=बुवाई करके, छोंड़े=छोड़ दिया, तेला=उसे, काटिहां=काटूंगा, महूं=मैं भी, गांव=ग्राम, भागत=भाग रहा, बन=जंगल, डर=भय, पैसा=रूपया, संगत=साथ रहने से, राहत=भला, कार=काम, बांटत=बांट रहा, मनखे=मनुष्य, जस=ज्यों, तस=त्यों, बस=अंत, परोसा=अतिरिक्त भाग, मरत=मर रहा, बीच=मध्य, रस्ता=राह, रखवार=रखवाला, चल=चलो, लेस=जलाना, झांकी=झांकना, आन=दूसरों, दुआर=दरवाजा.
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ReplyDeleteशब्दार्थ दिए होने के कारण , कविता को समझने में बहुत मदद मिली है ! वीर शहीदों को समर्पित यह रचना बहुत अच्छी लगी ! वन्देमातरम !
ReplyDeleteकिस बोली की यह रचना है..? पढ़ना अच्छा लगा पर मन व्याकुल हो गया..
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