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सादगी अच्छी है
विचार ऊँचे हैं
स्वागत करते हैं
बशर्ते
इस पर कोई हँसे नहीं
वरना ये सादगी बदल जाती है
छिछोरेपन में
तुम मानो न मानो
लोग ऐसा ही कहते हैं
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बंद कर मुट्ठी
चले आये यहां
बंद कर मुट्ठी
कल चले जाओगे
खोलकर मुट्ठी
गर बैठे उम्र भर
सोचो
तन्हा बैठोगे?
तन्हा चले जाओगे?
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कैसा मातम
कैसी तन्हाई
तेरे जाने पर
कैसी ख़ुशी
ऐसा आलम
तेरे आने पर
ये मैं जानूं
या तू जाने
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तुझसे मिलना भी
कसकता है
बिछड़ना होगा
फिर भी
इंतजार रहता है
मैं तेरा इंतजार करता हूँ
मैं तेरा इंतजार करता हूँ
चित्र गूगल से साभार
तथागत ब्लॉग के सर्जक
श्री राजेश कुमार सिंह को समर्पित
तुझसे मिलना भी
ReplyDeleteकसकता है
बिछड़ना होगा
फिर भी
इंतजार रहता है,,,,
बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,रमाकांत जी,,,सभी रचनाए पसंद आई ,,बधाई
RECENT POST : प्यार में दर्द है,
सुंदर पंक्तियाँ...मन की पीड़ा का भाव ऐसा भी....
ReplyDeleteगहन भाव लिए सारी क्षणिकाएं... सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteसभी क्षणिकाएँ बहुत अच्छी हैं ..वास्तविकता का आईना हो जैसे ..
ReplyDeletedil ke bhaw ...ko bakhubi darshaaya hai ......shabd chitran se .....
ReplyDeleteबहुत सुंदर क्षणिकाएं ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर क्षणिकाएं ...
ReplyDeleteअच्छी क्षणिकाएं हैं।
ReplyDeleteतन्हाई सच्ची साथी, पढ़ लेती मन की पाती
ReplyDeleteगहन भाव... आभार
भावपूर्ण लघु कवितायें..आभार !
ReplyDeleteगहरे दार्शनिक भाव!!
ReplyDeleteसादगी चिकारा मा दिखथे,
ReplyDeleteगिटार मा नई दिखय।
सुग्घर लिखे हस गौ।
राम राम
कैसा मातम
ReplyDeleteकैसी तन्हाई
सचमुच दुनिया है फानी
बहुत दिनों बाद इस फार्म में लौटे आप.
ReplyDeleteदार्शनिक भाव... सुंदर क्षणिकाएं .
ReplyDeleteमिलन के साथ विछोह तो आता ही है ... बस समय की प्रतीक्षा ही रहती है ... ओर उस प्रतीक्षा में कई बार आनंद भूल जाते हैं मिलन का ...
ReplyDeleteसभी क्षणिकाएं लाजवाब हैं ..
बहुत सुंदर और गहरे भाव लिए रचना .....
ReplyDeleteये सादगी मार डालेगी :)
ReplyDeleteबेहद गहन भाव लिये अनुपम प्रस्तुति ....
ReplyDeleteसुन्दर भावाभिव्यक्ति । चुन-चुन के एक-एक शब्द का प्रयोग किया गया है । प्राञ्जल प्रस्तुति ।
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