मेरी ज़िन्दगी तेरे बिन ज़िन्दगी? |
आसमान से एक परी उतरी
मैंने परी से कहा
तुम मेरी ज़िन्दगी हो
मैं तुम्हे बेइन्तहा प्यार करता हूँ
परी ने कहा मुझे मालूम है
परी ने अचानक एक दिन कहा
मुझे लगता है
अब मेरे जाने का वक़्त आ गया
कहाँ?
जहाँ से मैं आई थी
मैंने कहा
एक वादा करो
तुम्हारा अगला जन्म मेरे लिये
उसने कहा क्यों नहीं?
वादा रहा
अगला जन्म आपके लिये ही
इस स्वार्थी दुनिया में
इतना टूटकर आज चाहता कौन है?
१० अप्रेल २०१३
समर्पित मेरी ज़िन्दगी को
चित्र गूगल से साभार
यही प्यार है।
ReplyDeleteमौन की भी भाषा होती है।
ReplyDeleteमर्मस्पर्शी।
शुभकामनायें भाई जी।
हृदयस्पर्शी ...भावप्रवण रचना
ReplyDeleteघटनाएं याद आती हैं , उम्मीदें रहती है !!
ReplyDeleteचाहतों का कोई दौर नहीं होता....
ReplyDeleteसुन्दर भाव..
अनु
सुंदर भावयुक्त कृति...
ReplyDeleteपारियों की मुसीबत! :-)
ReplyDeleteबहुत भाव पूर्ण रचना ...!!
ReplyDeleteआपकी जिन्दगी को भारी न पड़ने लगे इतना समर्पण.
ReplyDeleteएक सच्चा वादा और वादे का एतबार ही तो प्यार है... बहुत सुन्दर भाव...शुभकामनायें
ReplyDeletebahut sunder pyar ki bhasha
ReplyDeletebahut hi gahan nishtha bhaw .......warna log ak janam me hi nahi nibha paate ....
ReplyDeleteआदरणीया आपने मन की बात पढ़ ली सच कहा आपने
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