गुरुकुल ५

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Thursday, 12 December 2013

आप

जनगण मन अधिनायक जय हे 


आप महान है
कोई संदेह कहाँ?
मै भी अभिभूत हू
लोगो का भ्रम बना रहने दो न

आप सर्वश्रेष्ठ है?
हम सब मानते और जानते है
लेकिन
तुम्हे ये हक किसने दे दिया?
कि तुम सब को नीच कह जाओ

लगी न मिरची दाऊ जी
कही वो न हो जाये
जो मेरे नालायक दिमाग में है
तब न रहोगे घर के न घाट के

जरा सम्हलकर
भूले से भी साँझा चूल्हा मत जलाना
आज आप और हम दोनों ही .....?
बड़ी दुविधा है जी

आप तो ऐसे न थे

संयमित मृदु वाणी
कहीं सत्ता का मद तो नहीं चढ़ गया?
इतनी तल्ख़ आवाज़

एक कहावत याद आती है
क्वाँर मे लोमड़ी पैदा हुई
उसने ऐलान कर दिया
आषाढ़ में बहुत पूर आया था

चार लोगों के कहने पर
कोई बेईमान हो जाता है?
न ही खुद के कह देने पर
कोई ईमानदार हो जाता है?


लेकिन
आप ने तो छाती ठोककर कह दिया
बेईमान हैं ये दोनों
अब 

भई गति साँप छछूंदर केरी

सामने बेटी की शादी है
बेटी घर में कुंवारी रह जायेगी
और वादा निभाया
तब भी फ़ज़ीहत

बहुत कठिन है डगर राह { जनपथ } पनघट की

समर्पित मो सम कौन कुटिल खल  को 
12  दिसंबर 2013
चित्र गूगल से साभार 

24 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (13-12-13) को "मजबूरी गाती है" (चर्चा मंच : अंक-1460) पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. आदरणीय शास्त्री जी प्रणाम
      आपके स्नेह का हृदय से आभार

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  2. गाली गलौच से ही राजनीति चलती तो यहाँ भाण्‍डों का राज होता। मर्यादाविहीन आचरण कभी भी सफलता प्राप्‍त नहीं कर सकता।

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    1. आदरणीया अजीत गुप्ता जी प्रणाम स्वीकारे
      आपका स्नेह मिला आभारी

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  3. खरी खरी रख तथ्य कुल, करें व्याख्या आप |
    दिल्ली में जब आपका, पसरा प्रबल प्रताप |

    पसरा प्रबल प्रताप. परख बड़बोले बोले |
    किन्तु केजरीवाल, विधायक क्षमता तोले |

    पचा सके ना जीत, जीत से मची खरभरी |
    लफुआ अनुभवहीन, चेंगडे करें मसखरी ||

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    1. रविकर जी आभार आपने आप को इस तरह सराहा

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  4. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन संसद पर हमला, हम और ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    1. आपके स्नेह का आभार

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  5. परिवर्तन आवश्यक है । एक ही पार्टी सत्ता में रहे तो वह निरंकुश हो जाती है नहीं निरंकुश हो चुकी है।

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    1. नोनी चरण स्पर्श
      आशिर्वाद मिलिस

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  6. सभी पार्टी के सांसद .विधायक मिलकर संसदीय गाली का शब्द कोष बना रहे हैं |
    नई पोस्ट भाव -मछलियाँ
    new post हाइगा -जानवर

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  7. 'आप' से जो बन पड़ेगा करेंगे ही...अपनी क्षमता के अनुसार ही हर कोई कर पाता है...

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  8. बहुत कठिन है डगर जनपथ की ... सही कहा है ... गले की हड्डी हो गए ये चुनाव आप के लिए ...

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  9. घमंड और आचरण हीन व्यक्ति या पार्टी कभी भी सफलता प्राप्‍त नहीं कर सकता। ...!

    RECENT POST -: मजबूरी गाती है.

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  10. वाह:बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!

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  11. आप सर्वश्रेष्ठ है, हम सब मानते और जानते है. :)

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  12. क्या खरी खरी कही है...मान गए

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  13. वाकई डगर कठिन है ही पनघट की !

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  14. घमंडी का सर नीचा !!

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  15. लेकिन
    आप ने तो छाती ठोककर कह दिया
    बेईमान हैं ये दोनों
    अब
    भई गति साँप छछूंदर केरी
    .....बहुत सुन्दर और सटीक प्रस्तुति...

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  16. बस आप आप आप ही सबमें समाए हैं..

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  17. उम्दा लिखा है..

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  18. सुधीजन 'आप' का चरित्र समझ गए, बस! सामान्य जन को पता लगना शेष है.

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