शब्द आप बनो मेरे गीत हम बन जायेंगे
लफ्ज़ आप बनो हम सरगम बन जायेंगे
**
मंजिल आप चुनो राह पर बिछ जायेंगे
खुश रहें आप यूँ ही खुशियाँ बटोर लायेंगे
***
यूँ ही प्यार करते रहें प्यार हम निभायेंगे
कोशिश करें आप जरुरत हम बन जायेंगे
****
दर्द दिल में हो तो हर लम्हा उदास होता है
अजीब शै है ये मोहब्बत ये कहर ढाता है
*****
बने मंजिल यूं तो पाने को तरस जायेंगे
राह पर बिछो धूल बन लोग रौंद जायेंगे
******
मैं फ़रिश्ता हूँ? ये कब कहा तुमसे बोलो न?
मैं भी इंसां हूँ कभी भूले से समझा तुमने ?
*******
तेरा दिया बिन कहे तेरे को ही लौटा दिया
तेरी मर्ज़ी इसे फूंके या करे दफ़न यादों में
07 अगस्त 2013
चित्र गूगल से साभार
मेरे गीत ब्लॉग के सर्जक भाई सतीश सक्सेना जी
को उनकी रचना धर्मिता के लिए समर्पित
लफ्ज़ आप बनो हम सरगम बन जायेंगे
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मंजिल आप चुनो राह पर बिछ जायेंगे
खुश रहें आप यूँ ही खुशियाँ बटोर लायेंगे
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यूँ ही प्यार करते रहें प्यार हम निभायेंगे
कोशिश करें आप जरुरत हम बन जायेंगे
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दर्द दिल में हो तो हर लम्हा उदास होता है
अजीब शै है ये मोहब्बत ये कहर ढाता है
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बने मंजिल यूं तो पाने को तरस जायेंगे
राह पर बिछो धूल बन लोग रौंद जायेंगे
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मैं फ़रिश्ता हूँ? ये कब कहा तुमसे बोलो न?
मैं भी इंसां हूँ कभी भूले से समझा तुमने ?
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तेरा दिया बिन कहे तेरे को ही लौटा दिया
तेरी मर्ज़ी इसे फूंके या करे दफ़न यादों में
07 अगस्त 2013
चित्र गूगल से साभार
मेरे गीत ब्लॉग के सर्जक भाई सतीश सक्सेना जी
को उनकी रचना धर्मिता के लिए समर्पित
भाई वाह , आज तो बड़े मूड में हो रमाकांत भाई , प्रभावी रचना ! जानदार फोटो के लिए बधाई !
ReplyDeleteसतीश भाई साहब वास्तव में यह पोस्ट आपको समर्पित है मैं एडिटिंग में था और आपने पोस्ट पढ़ा लिया ये कुछ नहीं बस हमारा प्रेम है अन्यथा ऐसा हो नहीं सकता कि पोस्ट आपको समर्पित हो और १ हजार कि मी दूर आप पहले पढ़ने वाले हों। आपके प्रेम का सदा ऋणी रमाकांत
Deleteयह आश्चर्यजनक है , मैं अभिभूत हूँ रमाकांत भाई !!!
Deleteयह आपकी विनम्रता है , मैं इस योग्य अपने आपको कभी नहीं मानता , सामान्य इंसान हूँ, हाँ रचनाधर्मिता में बनावट डालने का प्रयत्न कभी नहीं करता कोशिश करता हूँ ईमानदारी बनी रहे !
आभारी हूँ प्यार के लिए !
वाह बहुत बढिया..फोटो भी शान्दार है..
ReplyDeleteलाजबाब रचना ,,,आपकी फोटो बहुत अच्छी लगी,,,बधाई
ReplyDeleteRECENT POST : तस्वीर नही बदली
looking smart and fresh young
ReplyDeleteचित्र और पंक्तियाँ दोनों प्रभावी......
ReplyDeleteGreat!
ReplyDeleteबस ऐसे ही मुस्कुराते रहिये...
ReplyDeleteसतीश जी को समर्पित बहुत ही सुनदर रचना है.
ReplyDeleteचित्र सूर्य मंदिर का है शायद?
आज 08/008/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक है http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
This comment has been removed by the author.
Deleteयशवंत माथुर जी आपके साथ नई पुरानी हलचल के पूरे संचालक मंडल को मेरा प्रणाम आपने इस पोस्ट को इस लायक समझा
Deleteशब्द आप बनो मेरे गीत हम बन जायेंगे
ReplyDeleteलफ्ज़ आप बनो हम सरगम बन जायेंगे
सरगम बन जायेंगे, तुम्हारे गीतों का
लेकर सहारा हम भी कुछ मनपसंद
गुनगुनायेंगे :)
रमाकांत जी बहुत सुन्दर रचना !
वाह ! बहुत सुन्दर भावपुष्प पिरोए हैं आपने...
ReplyDeleteभाई ! आपकी कविता पढ कर मुझे बरबस " निराला " की कविता याद आ रही है । " तुम मृदु-मानस के भाव और मैं मनोरंजनी भाषा । तुम नन्दन-वन-घन-विहग और मैं सुख-शीतल-तरु-शाखा । तुम प्राण और मैं काया । तुम शुध्द सच्चिदानन्द ब्रह्म मैं मनो-मोहिनी माया । " उन्होंने " तुम और मैं " शीर्षक से यह कविता लिखी है । भाई तोर फोटो हर तोरेच सरिख सुन्दर दिखत हे ग ।
ReplyDeleteकालचक्र पर अडिग.
ReplyDeleteहम भूल गए हैं रख के कहीं …
ReplyDeletehttp://bulletinofblog.blogspot.in/2013/08/blog-post_10.html
दर्द दिल में हो तो हर लम्हा उदास होता है
ReplyDeleteअजीब शै है ये मोहब्बत ये कहर ढाता है
बहुत खूब ....
तस्वीर भी लाजवाब ....:))
पुरी की है शायद ...?
आदरणीय हरकीरत हीर जी शुभ संध्या सहित प्रणाम स्वीकारें आपने सराहा और सही कहा चित्र कोनार्क सूर्य मंदिर का है
Deleteलाज़वाब अभिव्यक्ति ...फोटो भी बहुत अच्छी है।
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