गुरुकुल ५

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Sunday, 11 August 2013

साया


पांच साल में एक बार आकर, हमारा वोट ले जाकर
1975 / 76 पेंड्रा बिलासपुर जिला मध्यप्रदेश में मुलाकात हुई श्री एच एन श्रीवास्तव जी कवि और गणित लेखक { बी एल कुल्हारा और  एच एन श्रीवास्तव } अद्भुत बाल मन लिये उनके आग्रह पर लिखा व्यंग 
श्री श्रीवास्तव जी अन्डी में प्राचार्य पद की शोभा बढ़ा रहे थे.  

श्री एच एन श्रीवास्तव जी को समर्पित 

हे प्रभु
हमारे अन्नदाता
लोगो को भयदाता
पांच साल में एक बार आकर
हमारा वोट ले जाकर
हमारे भाग्य विधाता
भले ही हम मरे या जियें
किन्तु आपकी जय हो,जय हो

मालिक
आपका साया
हमारे सर पर बना रहे
भले ही पूरा बदन खुला रहे
चाहे लुंगी, बनियान,
क्या अधोवस्त्र?
जड़ से गायब रहे

हुजूर
ये दिखावे के अंगरखा
हिजड़ों का जामा है
राज्यसभा और लोकसभा में
आपके सनेही
परम विदेही
पुत्रों का हंगामा है

मेरे मौला
मेरे आका
डाकुओं से मिला
आतंक वादियों का पिल्ला
लुच्चा, लफंगा पर थोड़ा भोला
केबिनेट मिनिस्टर
उसका ही साम्भा है

हे चक्रधारी
अमीरों के गिरिधारी
बाकी कुछ शेष
भग्नावशेष
प्रतिरक्षा मंत्री
उसका एक मामा है

15 सितम्बर 1975
चित्र गूगल से साभार

15 comments:

  1. हा हा हा हा बने चपेटे हस बाबु साहेब …… परलोकतंत्र के जय

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  2. बहुत बढिया रोचक रचना..

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  3. सामायिक रचना ,अच्छा कटाक्ष!

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  4. बहुत सुन्दर रचना ,लाजवाब सुन्दर अभिव्यक्ति
    बहुत करारा
    व्यंग रमाकांत जी ! लिखते रहिये
    latest post नेताजी सुनिए !!!
    latest post: भ्रष्टाचार और अपराध पोषित भारत!!

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  5. बढ़िया कटाक्ष ...!!

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  6. सत्य लिखा है ... १९७५ और आज भी ताज़ा है उसी तरह ....
    कौन कहता है समय बदलता है ...

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  7. आवश्यक व् सामयिक रचना ..
    आभार भाई जी !

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  8. जय हो,जय हो …।
    इसका मतलब है हालत तब भी वही थे जो आज हैं , हाँ शायद आज साया कुछ ज्यादा गहरा हो गया है… सटीक

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  9. सटीक लिखा है..आभार !

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  10. Gгаnts are аlso available to thоse people who can run through
    a mazе of buгeauсrаcy that woulԁ maκe cold-wаг Russіa gaѕρ
    foг aіг. You should ѕearch
    debt progгam options for unemploуed people to eliminate thе
    tenѕion of loans. The rapid devеlopments in the banking and finance faсilities all around thе ωorld has led to thе signing of the Ameгiсаn citizens.
    If yοu and your сreditors іn the
    world, have mаԁе it сleaг tο
    the rеader that thеrе is no such 'plan' called 'Obama debt program Plan'.



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  11. सीधी-सीधी...खरी-खरी...

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  12. सटीक ...... प्रासंगिक कटाक्ष .....

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  13. प्रभावित करती रचना .

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