पारिवारिक क्षणों में श्री राहुल कुमार सिंह के साथ पद्म श्री अनुज शर्मा जी
ये कह पाना कठिन कि मेहमान कौन और मेजबान कौन
विनम्रता, सहनशीलता, ज्ञान, विवेक, धैर्य, अनुशासन, हमने भी सीखा संगत में
अकलतरा पैतृक गृह ग्राम में पंडित जी, भाई, बहनों और भतीजों संग राहुल सिंहसदा धीरज का दामन थामे चाहे समय कितना भी अनुकूल या प्रतिकूल हो सम भाव
संदेशों का आदान प्रदान करते अपूर्व सिंह घर के प्रांगण में धीरज का दामन थामे
छत्तीसगढ़ के चार महत्वपूर्ण स्तम्भ पार्श्व में मैकल श्रंखला का अकेला पर्वत दल्हा
पद्म श्री अनुज शर्मा, श्री ललित शर्मा {ब्लॉगर } और श्री अशोक तिवारी जी { पुरातत्व विभाग }
अरे आदरणीय आप कहाँ खो गये ये हमें देखने लगे परदे के पीछे चित्रकार हम हैं जी
बस हमने TAB 3 से कैद कर लिया अपने सपने को जो आज हक़ीक़त में आ गई
एक सुख दुःख की चर्चा जहां झलकता और बहती स्नेह, आत्मीयता की मीठी बयार सुनहरी धुप संग
ये लुकाछिपी मैना का चित्र खीचते बखत कहीं उड़ न जाये ये अंदाज़ भी भा गया मन को
और खींच गया चित्र मैना संग लाल फूल सेमल के कटघरी प्रवास पर चलते चलते
प्रेम की इंतहा मैना और धुप ने अच्छे फोटो के लिए बैठने को कलाकार को पेड़ से बाँध दिया
ये समय लगा कैमरा, लाइट, साउंड और एक्शन का समय का चक्र घुम चला अनवरत
अनुज बाबू का प्रेम हमारे लिए भी छलका हम भी सराबोर हो गए और मर गए सादगी पर
क्या कहूं कुछ भी कम हैं ऐसे लोग लाखों में एक और सदियों में जन्म लेते हैं छत्तीसगढ़ में
पसंद भी तो श्री राहुल कुमार सिंह की हैं कइसे अनुज बाबू भला तुंही बतावा जी गल्ती कहें का जी
एक बार सोचने लगा छत्तीसगढ़ का पर्याय कौन निर्णय मेरे लिए कठिन आप अपनी जानो जी
कोटगढ़ का मिट्टी का किला और खटोला सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चे रम गये नैसर्गिक कलाकार में
एक क्लास ले ली और जीवित उठे मया फ़िल्म के गीत और दृश्य शुरू हो गया सिलसिला गीतों का
कोटगढ़ के किला को कैमरे में करते अनुज बाबू संग में कैद हो गये सदा के लिये
ब्लॉगर श्री ललित शर्मा जी और बड़े भैया श्री अशोक तिवारी जी जन्म जन्मों तक
भा गया राजेंद्र कुमार सिंह हायर सेकेंडरी स्कुल का विज्ञान प्रयोग शाला मगन हो गए
जीवों के सुरक्षित किये गये बोतलों में जीवंत हो उठे विद्यालय के अनमोल क्षण
विज्ञान प्रयोगशाला को मूर्त रूप देने में पूर्व प्राचार्य श्री रामचंद्र मिश्रा जी का मार्गदर्शन
अनुज बाबू आयें और और युवराज सिंह स्वागत में खड़ा न हो कैसे बनेगा मिल गया आशीर्वाद
कौन किसे कितना प्यार करता है बता पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हैं छत्तीसगढ़ में
ललित शर्मा { भाई जी } अकलतरा आयें और शानू को स्नेह न मिले मुछ वाले मामा जी
अकलतरा स्थित जिमखाना में ललित भाई और अनुज बाबू की उपस्थिति ने मन को मोह लिया
सराहना की ऐसे सुन्दर संयोजन की जिनसे लोग और विद्यार्थी प्रेरणा प्राप्त करेंगे
विदाई का समय हर्ष घर आने का और दुःख जल्द ही चले जाने का मेरी कुटिया को पवित्र किया
बड़े भैया अशोक तिवारी, ललित भाई और सदा मुस्कुराते पद्म श्री अनुज शर्मा जी ने
मेरा सौभाग्य इन आत्मीय जनों कि उपस्थिति मेरे घर
समर्पित श्री ललित शर्मा lalitdotcom के सर्जक को
आप सबका स्नेह और मार्गदर्शन सदा साथ रहा
१२ मार्च २०१४
बहुत आत्मीयता से लिये गए हैं फोटो ! सुन्दर पोस्ट देखकर आनंद आ गया !
ReplyDeletevery nice to see this post .
ReplyDeleteइही ल किथैं बिन मोल बेचाना, तोर मया म बेचा गेंन बाबू साहेब …………
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ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन वर्ल्ड वाइड वेब को फैले हुये २५ साल - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन वर्ल्ड वाइड वेब को फैले हुये २५ साल - ब्लॉग बुलेटिन मे पद्म श्री अनुज शर्मा पोस्ट को भी शामिल किया गया ब्लॉग बुलेटिन परिवार को मेरा प्रणाम आपके स्नेह का ऋणी रमाकांत
Deleteबहुत ही सुन्दर चित्र और साथ ही हर चित्र के साथ दिया गया काव्यात्मक परिचय बहुत भाया.अंतर्जाल ने बाहरी दुनिया को बहुत छोटा कर दिया ..और साथ ही इसका सकारात्मक पहलू है कि इसने ब्लॉगजगत के माध्यम से बहुत से अच्छे लोगों से परिचय कराया .आप का विद्यालय जितना चित्रों के माध्यम से हमने देखा वाकई काबिले तारीफ़ है.शुभकामनाएं.
ReplyDeleteमंगलकामनाएं परिवार को !!
ReplyDeleteकाबिले तारीफ़ बहुत उम्दा प्रस्तुति...!
ReplyDeleteRECENT POST - फिर से होली आई.
बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति .बधाई
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति .बधाई
ReplyDeleteसजीव सुन्दर , कलात्मक - प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति.. शुभकामनाएं..
ReplyDeleteअपनों का साथ और कुशल फोटोग्राफर का हाथ...सोने में सुहागा..
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