बहुत ही सुन्दर तस्वीरे हैं.शिक्षकों और छात्रों का खुशनुमा और अनुशासित माहौल देखकर प्रसन्नता हुई.शुभकामनाएँ! एक शिक्षक ही जानता है अपने विद्यार्थियों में मगन रहना कितनी आत्मसंतुष्टि देता है.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! -- आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (04-03-2014) को "कभी पलट कर देखना" (चर्चा मंच-1541) पर भी है। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
भैया जी चरण स्पर्श आपने गरुकुल ४ की चर्चा आज मंगलवार (04-03-2014) को "कभी पलट कर देखना" (चर्चा मंच-1541) पर स्थान दिया आपके विद्यालय प्रेम को नमन सहित आभार
भाई ! आपका स्कूल बहुत सुन्दर है । आपके स्कूल को देखकर मुझे मेरे 'कोसला' के स्कूल की याद आ जाती है जहॉ हम ज़मीन में बैठते थे और बुधवार के दिन गोबर से लीपते थे । मेरा भी लीपने का बहुत मन होता था पर गुरुजी लोग मुझे कभी लीपने नहीं दिए । भाई ! आप एक स्टुडियो भी चला सकते हैं । आपकी फोटोग्राफी क़माल की है । आपके विद्यालय को शतशः नमन।
बहुत ही सुन्दर तस्वीरे हैं.शिक्षकों और छात्रों का खुशनुमा और अनुशासित माहौल देखकर प्रसन्नता हुई.शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteएक शिक्षक ही जानता है अपने विद्यार्थियों में मगन रहना कितनी आत्मसंतुष्टि देता है.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (04-03-2014) को "कभी पलट कर देखना" (चर्चा मंच-1541) पर भी है।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
भैया जी चरण स्पर्श आपने गरुकुल ४ की चर्चा आज मंगलवार (04-03-2014) को "कभी पलट कर देखना" (चर्चा मंच-1541) पर
Deleteस्थान दिया आपके विद्यालय प्रेम को नमन सहित आभार
भाई ! आपका स्कूल बहुत सुन्दर है । आपके स्कूल को देखकर मुझे मेरे 'कोसला' के स्कूल की याद आ जाती है जहॉ हम ज़मीन में बैठते थे और बुधवार के दिन गोबर से लीपते थे । मेरा भी लीपने का बहुत मन होता था पर गुरुजी लोग मुझे कभी लीपने नहीं दिए । भाई ! आप एक स्टुडियो भी चला सकते हैं । आपकी फोटोग्राफी क़माल की है । आपके विद्यालय को शतशः नमन।
ReplyDeleteसुन्दर , शांत , निर्मल परिवेश .....विद्यार्थियों के मन में ,जीवन में सुन्दर संस्कारों के बीज अवश्य बोता होगा ....बहुत बधाई ...हार्दिक शुभ कामनाएँ !!!
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा इन तस्वीरों को देख कर ...
ReplyDeleteये भी एक अभियान है जो केवल आप जैसे कर्मठ कार्यकर्ता ही कर सकते हैं ... बहुत त्याग मांगता है ऐसा कर्म ...
यह गुरुकुल और इसका वातावरण - देख कर मन तृप्त हुआ ,इतनी निष्ठा और समर्पण भाव व्याप्त हो जहाँ ,वह संस्थान धन्य है ,वहाँ के गुरु-जन वंदनीय हैं !
ReplyDeleteप्रकृति की गोद में सुंदर शांत वातावरण में स्थित आपके विद्यालय की तस्वीरें बहुत कुछ कह जाती हैं..शुभकामनायें..
ReplyDeleteरमणीय स्थल वाकई गुरुकुल की याद दिलाता है ! बधाई आपको !
ReplyDeleteस्कूल बहुत सुन्दर है आपका सुंदर शांत वातावरण
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