ये मेरा सौभाग्य है कि बच्चों के जीवन को प्राथमिक स्तर पर संवारने का दायित्व
मुझे दिया गया।कोई भी विद्यालय या शिक्षक कभी भी अच्छा या बुरा नहीं
होता उसमें अध्ययन करनेवाले छात्र उसकी गरिमा को स्थापित करते है। राष्ट्रिय पर्व मनाकर हम अपनी अस्मिता की रक्षा करते हैं।
एक प्रयास राष्ट्र को समर्पित १५ अगस्त २०१२ और २६जनवरी २०१३
के पुनीत अवसर पर
बच्चों की उपस्थिति लेते साहू सर और उइके सर
नागरिकों सहित शाला परिवार का गुलाल से स्वागत
करते यादव जी परम्परा को जीवंत बनातेश्री मति आभा सिंह मेरी मानस पुत्री
प्रार्थना करते छात्र छात्राएं और निरिक्षण करते
श्री पैकरा जी, साहू जी, और श्री मति आभा सिंहकभी कभी मैं रमाकांत भी शामिल इन संग
प्रार्थना करते शाला परिवार
जिनकी कार्यशैली पर हमेशा मुझे गर्व होता है।
का महत्व समझाती नित्य प्रति बच्चों से अन्तर्सम्बन्धो की कड़ी को मांजती और
निष्ठापूर्वक दायित्वों के प्रति सचेत करती
२६ फरवरी २०१३
बढ़िया....
ReplyDeleteबधाई एवं शुभकामनाएं.
सादर
अनु
आपके हाथों में वे सुरक्षित हैं ...
ReplyDeleteशुभकामनायें !
बच्चों का जीवन स्तर सुधारने और राष्ट्र के प्रति समर्पण से बढ़कर कुछ भी नही,,,,,,नेट के स्लो चलने के कारण वीडियो नही देख पा रहा हूँ,,,
ReplyDeleteRecent Post: कुछ तरस खाइये
प्रभावी और प्रेरक.
ReplyDeleteबचपन की याद दिला दी..कभी बचपन में कितना इंतज़ार रहता था इस दिन का ..कितना उर्जा कितनी देश भक्ति उमड़ती थी मन में .....साभार
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा जानकर..... शुभकामनयें
ReplyDeleteCongratulations...
ReplyDeletei am always thankful to you madam
Deleteराष्ट्रीय पर्व आपके विद्यालय में पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ मनाये जाने की झांकी देखने को मिली. प्रस्सनता हुई .कभी स्वयं देखने का सुअवसर मिले ऐसी इच्छा है .स्कुल के लिए शुभकामनाये और सभी कर्तव्यनिष्ठ शिक्षकों को बधाई
ReplyDeleteसर जी मेरा सौभाग्य होगा आप जैसे विद्वान के चरण मेरे विद्यालय में पड़ेंगे सदा आपका मेरी शाला में स्वागत . आभार आपने इस काबिल समझा . शाला परिवार पठियापाली करतला कोरबा छ .ग .
Deleteयही भाव और यही समर्पण हम सब में संचरित हो !
ReplyDeleteशुभकामनाएं !!
बहुत बढ़िया जी
ReplyDeleteबहुत अच्छा लग रहा है यह सब देख-जान कर.ये संस्कार छात्र कभी भूल नहीं सकते ,और आपको भी .पक्की नींव डाल रहे हैं -बधाई!
ReplyDeleteसभी विडियो देखीं..[केवल पहली वाली नहीं चली.]
ReplyDeleteगुलाल लगाने की प्रथा भी पसंद आई.
राष्ट्रीय पर्व को इतने उत्साह से मनाते हुए विद्यार्थियों को देख कर अच्छा लगा.इस सुन्दर आयोजन का श्रेय सभी शिक्षकों को जाता है.
आप की शाला हेतु बहुत -बहुत शुभकामनाएँ.
एक भी चित्र/वीडियो नहीं खुल रहा। खूब कोशिश कर ली। लगता है, मेरे कम्प्यूटर में या नेट कनेक्शन में ही कोई न कोई गडबड है।
ReplyDeleteसिंह साहब, चित्र वीडियो हम भी नहीं देख पा रहे हैं लेकिन भाव पहचान पा रहा हूँ। शुभकामनायें आप सब गुरुजनों को व देश प्रदेश क भविष्य युवाओं को भी।
ReplyDelete