जो तुम्हे काँटा बोये उसके लिये तुम फूल बिछा दो? |
संत कौन हैं?
राजधर्म क्या है?
प्रजा धर्म का निर्वाह किसका?
धर्म निर्वहन एकांगी किस हद तक न्यायोचित
सब अपनी सीमा पर रहें?
कोई कलेश नहीं न कोई आहत होगा
२६ मार्च २००३ को मेरे पिता तुल्य बुजुर्ग को एक तमाचा जड़ दिया
कोई और नहीं रोज पैर छूनेवाला नाती
अपनी ज़िद मनवाने की खातिर
अपनी ज़िद मनवाने की खातिर
सागर ने सीमा तोड़ी या कहीं तट बंध को प्रेम संग लापरवाही ने
आहत बरसों की नेह हो गई
ऐसा क्या हो गया एक ही क्षण में झुलस गया सब कुछ
ऐसा क्या हो गया एक ही क्षण में झुलस गया सब कुछ
कौन हो गया उच्छश्रृंखल
किसे चढ़ गया मद बिन पिय
एक अनदेखा परिवर्तन घर करने लगा है
उदारता और सहनशीलता संग सहिष्णुता ने भष्मासुर को जन्म दे दिया है
आहत किसने किसे किया
पहल किसने की, दोषी कौन,
आहत यदि अपनी ईहलीला समाप्त कर लेता तो
या ग्लानिवश उसने नाती को गोली मार दी होती तो
साम, दाम,दण्ड और भेद नीति ज़रूरी नहीं क्रमशः आयें
शायद कुछ पलों पहले भी यही हुआ
किसी संत से प्रश्न किया गया
प्रत्युत्तर में एक चांटा जैसा लगा
किसने हमें अधिकार दे दिया अनर्गल प्रश्न करने का
किसी और ने प्रश्न नहीं किया क्या
उन्हें चांटा क्यों नहीं लगा
संत से उलटे सीधे प्रश्न ही क्यों किया जाये
मर्यादा तोड़ें और दोष अन्य पर मढ़ा जाये न्यायसंगत
पत्रकारिता अपनी सीमा के पार जाती
तब ही तो टी वी पत्रकार पहली बार हँसता हुआ दिखा
ये तमाचा एक सीमा को निर्धारित करेगा?
जो तुम्हे काँटा बोये उसके लिये तुम फूल बिछा दो?
26 मार्च 2003
समर्पित नई पीढ़ी को
उदारता और सहनशीलता संग सहिष्णुता ने भष्मासुर को जन्म दे दिया है
आहत किसने किसे किया
पहल किसने की, दोषी कौन,
आहत यदि अपनी ईहलीला समाप्त कर लेता तो
या ग्लानिवश उसने नाती को गोली मार दी होती तो
साम, दाम,दण्ड और भेद नीति ज़रूरी नहीं क्रमशः आयें
शायद कुछ पलों पहले भी यही हुआ
किसी संत से प्रश्न किया गया
प्रत्युत्तर में एक चांटा जैसा लगा
किसने हमें अधिकार दे दिया अनर्गल प्रश्न करने का
किसी और ने प्रश्न नहीं किया क्या
उन्हें चांटा क्यों नहीं लगा
संत से उलटे सीधे प्रश्न ही क्यों किया जाये
मर्यादा तोड़ें और दोष अन्य पर मढ़ा जाये न्यायसंगत
पत्रकारिता अपनी सीमा के पार जाती
तब ही तो टी वी पत्रकार पहली बार हँसता हुआ दिखा
ये तमाचा एक सीमा को निर्धारित करेगा?
जो तुम्हे काँटा बोये उसके लिये तुम फूल बिछा दो?
26 मार्च 2003
समर्पित नई पीढ़ी को