गुरुकुल ५

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Friday 7 December 2012

पलायन




प्रवास या पलायन
पलायन या बचाव
समय की मांग?
स्व के लिये संघर्ष?

अभी तो जी लें
सोचेंगे फिर
बच गए तभी तो
कुछ पाएंगे?

आत्मा ने कहा?
जाओ भाग जाओ?
चलो पहले
प्राण बचाओ?

कृष्ण रणछोर?

बैक फुट पर आना
मैदान छोड़ना?
या पूर्ण आवेग से?
लौटना लक्ष्य की ओर

एक मुहीम अनुसार
नए छितिज की तलाश?

एक उत्साह एक उमंग?
सब व्याकुलता में?
जीवन की व्यर्थता की ?
अपूर्णता या पूर्णता की खोज में

जिसने छोड़ भी दिया
क्या पा लिया?
जिसने पा लिया
उसने क्या खो दिया?

सब कुछ बीत जाने पर
किया धरा निरर्थक?
समझौता किससे?
किसके सामने घुटने टेकना?

प्रवास कहाँ?
किसके लिये?
जीवन पुनः?
यही जीवन की सार्थकता?

ज्यों जहाज का पंछी
पुनि पुनि जहाज पर आय

समुद्र को पार कर पाना संभव?

नए राह की तलाश क्यों?
या नए राह की तलाश में?
सब कुछ छुट जाने पर
है वापसी संभव?

शाश्वत मार्ग?
जो चुना गया?
संभावनाओं की तलाश में?
या समस्त संभावनाएं समाप्त?

जीवन या मृत्यु?
मृत्यु या जीवन?
संघर्ष के बाद?
संघर्ष बिन विक्षुब्ध?

15.10.2012
चित्र गूगल से साभार

20 comments:

  1. आह,,,

    अद्भुत!!

    अनु

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  2. प्रभावशाली प्रस्तुति..

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  3. गंभीर चिंतन.

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  4. अनुपम भाव लिये... उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति

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  5. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (8-12-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  6. उलझने...हताशा..आशा की डोर थामे जिंदगी.अर्थपूर्ण कविता .

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  7. बहुत सुंदर प्रभावशाली अर्थपूर्ण अभिव्‍यक्ति...रमाकांत जी,बधाई,

    recent post: बात न करो,

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  8. बेहतरीन और बहुत कुछ लिख दिया आपने..... सार्थक अभिवयक्ति......

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  9. प्रवास कहाँ?
    किसके लिये?
    जीवन पुनः?
    यही जीवन की सार्थकता?

    ज्यों जहाज का पंछी
    पुनि पुनि जहाज पर आय

    समुद्र को पार कर पाना संभव?

    प्रश्न दर प्रश्न दर प्रश्न …
    …और उत्तर भी तो आसान नहीं !

    आदरणीय रमाकांत जी
    भाव और शब्द के मध्य पलायन की पहेली !
    सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं … … …
    :)

    बहुत रोचक साथ ही गंभीर रचना है …
    बेहतर प्रस्तुति !


    शुभकामनाओं सहित…

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  10. सब कुछ वही और सब कुछ यहीं...

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  11. शशक्त, प्रभावी ... महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर ढूंढती ...
    कमाल की रचना है रमाकांत जी ...

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  12. हर जगह एक प्रश्न ही तो है!

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  13. बहुत गहन और प्रभावी अभिव्यक्ति..

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  14. http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/12/2012-9.html

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  15. सशक्त...प्रश्न है साथ ही अनजाना उत्तर भी है !!

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  16. प्रश्न बहुत
    पर उत्तर नेक
    ध्यान एक ...

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  17. गहन, सुन्दर और प्रभावी अभिव्यक्ति..

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  18. विचारों को शब्दों में अनुवादित करने जैसा दुरूह कार्य आपने सहजता से सम्पन्न कर दिया है।
    बहुत बढ़िया !

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  19. सारे प्रश्न मन में आकार लेने लगे... जाने क्या सार्थक है क्या निरर्थक? बहुत अच्छी और विचारपूर्ण रचना, शुभकामनाएँ.

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