मेरी मृत्यु पर
* मत उठाना
मेरे प्यार को
बड़े जतन से सुलाया है
सहलाकर गेंसुओं को
* न करना बात
देख पाऊंगा
तपन चेहरे की
बंद आँखें हैं मेरी
* खिलाकर भोज
मेरी ज़िन्दगी को
दुखाना दिल भी
यूँ तुमको भाता है
* संदेशा देना वहां
जहाँ कोई बाट तके
बैठा रहे
बस द्वार पर
* न लेना और देना
आज ऐवज मेरे
खुली मुट्ठी
न बाँध पाऊंगा
* चलो बैठो
किसी दरख़्त के साये तले
करो तुम बात
मैं सुनता रहूँगा
* न गाना गीत
स्वर दे पाऊंगा
बंद होठ हिले तो
लोग खफ़ा होंगे
* चलो हंस लो
टोकना-रोकना
छोड़ा मैंने
तुम दिल की बात कहो
* न करना इंतज़ार
बड़ी मुद्दत के बाद
आई है नींद
सोने दे
* आज तुम हो
मै हूँ ना
तुम करो अपनी
कौन रोकेगा
* है पता मुझको
इंतज़ार किसको
मेरे आने-जाने
एक पल ठहरने का
* जाना है
चले जायेंगे
ये बेरुखी क्यूँ
हर घडी
22.10.2012
समर्पित * मेरी जिंदगी * को
जो मेरी जान और इमान से भी
ज्यादा कीमती जिसके बिना
सब कुछ बेमानी सा लगता है
चित्र गूगल से साभार