tag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post3967778736579582452..comments2024-03-24T21:31:58.189+05:30Comments on ज़रूरत: गुरुकुल / गुरु ३ Ramakant Singhhttp://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-54600355475094606902013-04-18T11:38:15.636+05:302013-04-18T11:38:15.636+05:30आपने बचपन याद करा दिया ....
सर्वप्रथम एक ऐसे ही गु...आपने बचपन याद करा दिया ....<br />सर्वप्रथम एक ऐसे ही गुरुकुल में हमारा दाखिला हुआ था क्योंकि आस पास कोई अच्छा स्कूल नहीं था ....पर बड़ा मज़ा आता था उनके पढ़ने के ढंग से .....<br />फाड़े कुछ इस तरह याद कराए जाते ....<br />पन्द्रह का पन्द्रह<br />पन्द्रह दुनी तीस<br />तीस पैंतालिस<br />चौका साठ<br />बम पचहत्तर<br />छक्का नब्बे<br />देखिये न आज भी याद है ....:))हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-79281420803850747842013-04-17T22:05:42.535+05:302013-04-17T22:05:42.535+05:30कलयुग है कुछ भी हो सकता है सब कुछ संभव है |
कभी य...कलयुग है कुछ भी हो सकता है सब कुछ संभव है |<br /><br />कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें | <br /><a href="http://www.tamasha-e-zindagi.blogspot.in" rel="nofollow">Tamasha-E-Zindagi</a><br /><a href="http://www.facebook.com/tamashaezindagi" rel="nofollow">Tamashaezindagi FB Page</a><br />Tamasha-E-Zindagihttps://www.blogger.com/profile/01844600687875877913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-46408633100672285352013-04-17T18:49:33.447+05:302013-04-17T18:49:33.447+05:30हमें तो गुरुजनों से नंगी हथेलियों पे बेंत की सुंटा...हमें तो गुरुजनों से नंगी हथेलियों पे बेंत की सुंटाई याद रह गई है. जग तो परिवर्तनशील है. पढ़ाई के तौर तरीके बदल गए हैं. भले हमें वे भायें या ना भायें. विद्यार्थियों में विलक्षणता अभी तो बरकरार है.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-37334151460273257952013-04-16T20:58:10.099+05:302013-04-16T20:58:10.099+05:30badiya lekh.samay sab kuch dumil kar sakta hai.par...badiya lekh.samay sab kuch dumil kar sakta hai.par guru ka mahtav sada raha hai aur sada tak rahega.विवेकराज सिंहhttps://www.blogger.com/profile/15536634754311915828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-44760543421095605212013-04-16T14:48:38.930+05:302013-04-16T14:48:38.930+05:30आज अपने पास ही समय नहीं तो क्या किया जाए .. फिर वो...आज अपने पास ही समय नहीं तो क्या किया जाए .. फिर वो पद्धति भी तो हम ने मिल के ही खतम की है ... आधुनिकता की दौड़ में कुछ तो खोना पड़ेगा ... पर क्या खो रहे हैं ये भी सोचना होगा ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-73603936267726289362013-04-16T13:04:02.754+05:302013-04-16T13:04:02.754+05:30वो समय न रहा, ये भी न रहेगा।
आभार व्यक्त करता हूँ...वो समय न रहा, ये भी न रहेगा।<br /><br />आभार व्यक्त करता हूँ सिंह साहब।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-60264916358539201632013-04-15T23:26:03.234+05:302013-04-15T23:26:03.234+05:30आज माँ / बाप / पालक को फुर्सत नहीं और कम समय में अ...<b><i>आज माँ / बाप / पालक को फुर्सत नहीं और कम समय में अभीष्ट लक्ष्य की चाह,आभार </i></b><br /><br /><b>Recent Post </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/04/blog-post_12.html#links" rel="nofollow">: अमन के लिए.</a><br />धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-20922814281990905252013-04-15T20:47:10.965+05:302013-04-15T20:47:10.965+05:30कालानुसार शिक्षा पद्धति में बदलाव होता आया है, जैस...कालानुसार शिक्षा पद्धति में बदलाव होता आया है, जैसा पहले था वैसा आज न होगा।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-86047704893701963472013-04-15T20:29:42.903+05:302013-04-15T20:29:42.903+05:30इस युग में इन बातों का मोल नहीं रहा, पढ़ कर मन जुड...इस युग में इन बातों का मोल नहीं रहा, पढ़ कर मन जुड़ा गया. संजय जी को समर्पित करना भी... बात जमती है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-90606732547762404872013-04-15T20:23:36.949+05:302013-04-15T20:23:36.949+05:30आपकी बातों से काफी हद तक इत्तेफाक है.ज्ञान दान और ...आपकी बातों से काफी हद तक इत्तेफाक है.ज्ञान दान और ज्ञान ग्रहण के प्रति समर्पण और श्रद्धा पर आपके अंतिम उदहारण कंप्यूटर बनाम स्लेट से सहमति नहीं .ज्ञान देने-पाने के उपादान और उपकरण बदलते रहते हैं.प्राचीन कल में ज्ञान गुरु से शिष्य को कंठस्थ करा कर सरक्षित और प्रद्दत होता था फिर स्लेट पेंसिल से फिर कापी -पेन और अब कंप्यूटर से. ज्ञान प्राप्ति का तरीका कतई महत्वपूर्ण नहीं है महत्व उस भावना और निष्ठां का है जिससे ज्ञान हस्तांतरित होता है.आज के युग में भी ज्ञान स्लेट बत्ती से दिया जाय यह व्यावहारिक नहीं प्रतीत होता सादर.राजेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/02628010904084953893noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-43822791141044513072013-04-15T16:41:02.079+05:302013-04-15T16:41:02.079+05:30बदलते वक़्त के साथ यह प्रणाली भी बदली है.
सीखना- स...बदलते वक़्त के साथ यह प्रणाली भी बदली है.<br />सीखना- सिखाना है पर उसके तकनीक /तरीके बदल गए हैं.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-74620542646840516252013-04-15T14:46:38.578+05:302013-04-15T14:46:38.578+05:30गुरुजन हमारे पथप्रदर्शक,आभार.गुरुजन हमारे पथप्रदर्शक,आभार.Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-24746964916874069342013-04-15T14:19:34.155+05:302013-04-15T14:19:34.155+05:30गुरुजनों को नमन गुरुजनों को नमन Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-9923816138544037792013-04-15T13:14:13.208+05:302013-04-15T13:14:13.208+05:30कम समय में अभीष्ट लक्ष्य की चाह
... बिल्कुल सच कह...कम समय में अभीष्ट लक्ष्य की चाह<br />... बिल्कुल सच कहा आपने <br />आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-33970995336509152722013-04-15T10:42:49.565+05:302013-04-15T10:42:49.565+05:30आज तो बहुत कुछ बदल गया है ..... ज्ञान के लिए शार्...आज तो बहुत कुछ बदल गया है ..... ज्ञान के लिए शार्टकट नहीं होते डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2711112400443297069.post-1182766845828281052013-04-15T10:41:37.657+05:302013-04-15T10:41:37.657+05:30सही कहा ...आज बच्चों को समझाने के लिए वक़्त ही नही...सही कहा ...आज बच्चों को समझाने के लिए वक़्त ही नहीं है किसी के पास ... फिर बच्चों में संस्कार कहाँ से आएंगे ? संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com